एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस के विलय के बाद गठित नेशनल एविएशन कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनएसीआईएल) द्वारा विमानों को पट्टे पर देने में कथित अनियमितताओं की जांच में सीबीआई ने क्लोजर रिपोर्ट दायर की, क्योंकि किसी भी गलत काम का कोई सबूत नहीं था।
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