यह कहानी है नताशा की। नताशा बड़े घर की इकलौती बेटी थी। पिता बड़े बिजनेसमैन थे तो किसी बात की कभी कोई तकलीफ नहीं हुई। उसने जो चाहा जो मांगा उसके पापा ने उसे दिला दिया। जिस चीज के लिए उसके पापा या मम्मी ने मना किया तो उसे अपनी जिद से पूरा कर लिया। तीन महीने पहले उसने कैसी ही जिद की थी। नून लोन नहीं मतलब नो। तो फिर इस बार क्यों मना कर रहे बेटा मना इसलिए कर रहा हूं क्योंकि तुम गोवा अकेले जंचती तुमको जहां जाना जाऊं लेकिन अकेले नहीं तुम भी छोटी हो ताता 30 क्यों गांव में कब तक आपके लिए छोटी रहूंगी। ठीक है आप लोग मुझे नहीं जाने देना चाहते तो ये सही लेकिन आप लोग भी कान खोलकर सुन लीजिए आज के बाद मैं कहीं नहीं जाऊंगी। कहीं नहीं कहीं नहीं कई नहीं। सारा दिन अपनी कमरे में ही बंद रहूंगी।
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